What is Quantum physics in hindi | जानिए क्वांटम फिजिक्स क्या है हिन्दी मे !
हमारे यूनिवर्स से जुड़ी कुछ बातें समझना हमारे लिए अब आसान है जैसे जानकारों का निकलना, सूरज का अर्थ होना, आकाशगंगा का दिखना और ग्रह का चमकना। लेकिन इसके अलावा भी हमारे यूनिवर्स में ऐसा बहुत कुछ है जिसकी खोज भले ही कर ली गई हो लेकिन उसे समझना और समझ पाना अभी तक आसान नहीं हुआ है। ऐसा ही एक पीला कन्फ्यूजन है। क्वॉन्टम फिजिक्स जिसका इस्तेमाल हमारी डेली लाइफ में होता है और ब्रम्हांड में भी लगातार इसका उपयोग होता रहता है, लेकिन इसे एक्सप्लेन कर पाना अभी तक काफी मुश्किल ही समझा जाता है। लेकिन अगर आप फिजिक्स में इंट्रेस्ट रखते हैं और यूनिवर्स के इस मुश्किल लगने वाले टॉपिक के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस article को पूरा जरूर देखें क्योंकि आज funwithprogramming9 आपके लिए लेकर आया है।
What is Quantum physics in hindi | जानिए क्वांटम फिजिक्स क्या है हिन्दी मे !
क्वॉन्टम फिजिक्स से जुड़ी पूरी और आसान जानकारी जिसे देखने के बाद आपके लिए क्वांटम फिजिक्स एक अनसोल्ड गुत्थी नहीं रह जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि
क्वांटम फिजिक्स क्या है?
क्वांटम फिजिक्स, फिजिक्स का वह पार्ट है जिसमें बहुत स्मॉल पार्टिकल्स जैसे मॉलिक्यूल्स, ऐडम्स, इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन जैसे सब एटोमिक पार्टिकल्स को पूरा किया जाता है।
क्वांटम फिजिक्स इतिहास
क्वांटम फिजिक्स 20वीं शताब्दी का सबसे इम्पोर्टेंट और इंटरेस्टिंग सिद्धांत था। इसे क्वांटम मैकेनिक्स और क्वांटम फील्ड थ्योरी भी कहा जाता है। और दोस्तों आप जानते हैं कि क्वांटम फिजिक्स की खोज कब और कैसे हुई। 14 सितंबर 1900 को मैक्स प्लांक ने क्वांटम फिजिक्स की भी डाली थी। उन्होंने ब्लैक बॉडी रेडिएशन पर रिसर्च करके यह परिकल्पना दी कि प्रकाश और अन्य विद्युत चुम्बकीय विकिरण ऊर्जा का सतत प्रवाह न होकर ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट के रूप में चलता है। क्वांटम फिजिक्स को साबित करने के लिए ब्लॉग को नोबेल प्राइज से भी सम्मानित किया गया था। इस हाइपो थीसिस ने फिजिक्स वर्ल्ड में तहलका मचा दिया और इसी हाइपर थीसिस का इस्तेमाल करके ही आइन्स्टीन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव एक्सपेंड किया था।
क्वांटा है क्या
और दोस्तों आप जानते हैं कौन था क्या है मैक्स प्लांक द्वारा बनाए गए ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट्स को क्वांटा कहते हैं। हर क्वांटा की ऊर्जा निश्चित होती है और केवल प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर करती है। इसका हमला था माइनस की इसी कोर जो आज भी जहाँ ऐज प्लांक नियतांक तथा वी आवर्ती है।
क्वांटम फिजिक्स हमारी डेली लाइफ में किस तरह यूज होती है
हमारे चारों ओर जो भी कुछ घटित होता है उसमे क्वांटम फिजिक्स का हाथ होता है। जिस स्तर पर आप बैठ सकते हैं वह क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही बन पाया है। पूरा कंप्यूटर वर्ल्ड क्वांटम फिजिक्स पर ही बेस्ड है। यानि अगर क्वांटम फिजिक्स की खोज न होती और साइंटिस्ट ने इसे समझा न होता तो आज हमारे पास कंप्यूटर ही नहीं होते। मोबाइल फोन भी क्वांटम फिजिक्स की ही देन हैं। ट्रांजिस्टर, माइक्रोस्कोप और लेजर भी क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही हमारे पास हैं। डिजिटल कैमरा और लाइट एमिटिंग डायोड एलईडी भी क्वांटम फिजिक्स से ही रिलेटेड हैं। टेलीकम्यूनिकेशन को आसान बनाने में भी क्वांटम फिजिक्स का ही हाथ है। आज की जरूरत बन चुके जीपीएस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम को भी क्वांटम फिजिक्स ने ही इजाद किया है। मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिन एमआरआई भी क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही पॉसिबल हो पाई है। न्यूक्लियर पावर प्लांट भी क्वांटम फिजिक्स की ही देन है। इतने सारे बॉटल्स कुशंस के पीछे क्वांटम फिजिक्स है। यह जानने के बाद आप समझ गए होंगे कि क्वांटम फिजिक्स हमारी लाइफ में बहुत इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करती है और अब जानते हैं
क्वांटम फिजिक्स से जुड़े इम्पॉर्टेंट कॉन्सेप्ट्स कौन कौन से हैं?
- ज्वैल नेचर
यूनिवर्स में सब कुछ पार्टिकल और वेव रूप में होता है। यानी ब्रम्हाण्ड की हर चीज़ एक ही समय में कण और तरंग के रूप में रहती है। इसका अर्थ यह है कि क्वॉन्टम फिजिक्स के अनुसार यूनिवर्स की हर वस्तु में कुछ गुण पार्टिकल्स होते हैं और कुछ गुण वेव्स के। इस तरह हर वस्तु एक ही समय में कण और द्रव्य के रूप में दिखाई देती है। यानी क्वांटम पार्टिकल्स इलेक्ट्रान एक ही समय में कण भी है और तरंग भी है।
2. आइन्सटाइन, टी एन प्रोबेबिलिटी
आइन्सटाइन टी और प्रोबेबिलिटी क्वांटम फिजिक्स का बहुत इम्पोर्टेन्ट पार्ट है। क्वांटम वर्ल्ड में बहुत छोटे पार्टिकल्स पाए जाते हैं। यानी एकदम से इलेक्ट्रान और फोटो जैसे पार्टिकल्स और इस वर्ल्ड में किसी भी घटना के होने की संभावना यानी प्रोबेबिलिटी 100% नहीं होती। यानी कभी भी कोई भी घटना हो सकती है। इसके अलावा क्वांटम पार्टिकल्स की सही लोकेशन जानना भी पॉसिबल नहीं होता। यानी कब कौन से पार्टिकल के सिचुएशन में होगा कि श्योरिटी के साथ नहीं जाना जा सकता। यानी पार्टिकल्स की सिचुएशन और लोकेशन अनसर्टेन बनी रहती है।
3. क्वांटम इनसाइट
में क्वांटम इन्टेक पार्टिकल्स ऐसे पार्टिकल्स होते हैं जिनकी प्रॉपर्टीज आपस में उलझी हुई रहती है। ऐसे में जब पार्टिकल्स पर कोई भी क्रिया की जाती है तो दूसरे पार्टिकल भी उस क्रिया से इफेक्ट होता है। दो पार्टिकल्स के बीच डिस्टेंस बढ़ा देने के बाद भी यह क्रिया बनी रहती है। इसका प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि अगर दो एयरटाइट पार्टिकल्स दो अलग प्लेनेट पर भी हों तो भी एक पार्टिकल पर क्रिया करने पर दूसरा पार्टिकल प्रभावित जरूर होगा। इतनी जटिल और अनदेखी सी दुनिया है क्वांटम फिजिक्स की जिसे एक्सेप्ट करना मुश्किल लगता है और ग्रेट साइंटिस्ट आईंस्टीन के लिए भी इसे एक्सेप्ट करना आसान नहीं रहा था। लेकिन साइंटिस्ट के अनुसार ये दुनिया असल में एक। करती है और इससे जुड़े जितने भी एक्सपेरिमेंट्स किए जाते हैं उनका रिस्पॉन्स भी लेता है और हमारी डेली लाइफ में इस क्वांटम वर्ल्ड की कितनी इम्पोर्टेंस है कि ये तो आप जान ही गए हैं। क्योंकि जिस फोन या पीसी में आप ये वीडियो देख पा रहे हैं वह भी तो इस क्वांटम फिजिक्स की ही देन है। तो दोस्तों कुछ सपोर्ट को उम्मीद है कि क्वांटम फिजिक्स क्या है और हमारी लाइफ कोई किस तरह फर्क करती है।
और जानकरी के लिये ये वीडियो देखे
FAQ - WHAT IS QUANTUM PHYSICS IN
Hindi
1.क्वांटम का मतलब क्या होता है?
जवाब - मैक्स प्लांक द्वारा बनाए गए ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट्स को क्वांटा कहते हैं
2. क्वांटम का सरल शब्दों में क्या अर्थ है
जवाब - क्वांटम फिजिक्स, फिजिक्स का वह पार्ट है जिसमें बहुत स्मॉल पार्टिकल्स जैसे मॉलिक्यूल्स, ऐडम्स, इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन जैसे सब एटोमिक पार्टिकल्स को पूरा किया जाता है
3.क्वांटम सिद्धांत की खोज किसने की थी?
जवाब - मैक्स प्लांक




Very helful
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